Summary of the Book
प्रस्तुत पुस्तक में लेखक नरेन्द्रनाथ चतुर्वेदी ने आत्म-सम्मान का अर्थ बताते हुए उसके विकार एवं उसे बढ़ाने हेतु तरीकों का उल्लेख किया है! बिना आत्म-सम्मान के व्यक्ति एक जीवित शव के सामान होता है अत: आत्म सम्मान को बनाये रखना किसी भी खुद्दार व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है! हम अपने आत्म-सम्मान को क्यों नहीं बनाये रख पाते हैं या वे कौन - कौन से तत्व हैं, जो हमें उससे वंचित रखते हैं, लेखक ने उन सभी कारणों व् तत्बों पर गंभीरता से विचार किया है और उसका एक रास्ता भी सुझाया है, जिसका अनुसरण करके हम अपने आत्म-सम्मान, स्वाभिमान, खुदी को बनाये व बचाए रख कर, एक सुखी व खुशहाल जीवन जी सकते है! सभी के लिए अध्ययन व पढने योग्य, यह पुस्तक आप अवश्य पढ़ें व् सम्पुरण परिवार को भी पढाऐ।