Summary of the Book
असीमित शक्ती का स्रोत-हमारा अवचेतन मन
कर्मयोगी बनकर सत्य से साक्षात्कार करें और विजयी होकर जीवन लक्ष्य प्राप्त करें |
यह कृति व्यक्तित्व विकास पर आधारित है, जिसमें युवाओं को यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया गया है कि ‘हां, तुम एक विजेता हो’और तुम्हारे भीतर विजेता होने के समस्त गुण विद्यमान हैं। आवश्यकता है बस उन्हें पहचान कर अमल में लाने की। इसमें जीवन के लक्ष्यों, आत्मविश्वास, सही समय के चमत्कार पर अत्यधिक बल दिया गया है। इसके अतिरिक्त सफलता व असफलता की सिद्ध रीतियों को भी स्पष्ट किया गया है। व्यक्तित्व-विकास के प्रमुख भागों में से एक इसकी कार्ययोजना है, महत्वाकांक्षा का चुनाव प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित करना एवं समय का प्रबंधन आदि हैं। इसका वास्तविक ध्येय जहां युवाओं का मार्गदर्शन कराने वाली सामग्री की रिक्तता को दूर करना है, वहीं आकषर्क व्यक्तित्व के प्रमुख तत्वों का उल्लेख इसकी विशेषता है। पुस्तक सृजन के पीछे यही भावना रही है कि मानव कर्मठ बनकर स्वयं सत्य से साक्षात्कार करे, विजयी होकर जीवन लक्ष्य प्राप्त करे।