Hard Copy Price:
10% OFF R 150R 135
/ $
1.73
(Inclusive of all taxes) + FREE Shipping* Shipping charges will be applicable for this book. For International orders shipment charges at actual.
Buy Print Book
Add to Cart
Cash On Delivery
available in
Pune, Mumbai, Thane, Navi Mumbai
Check your delivery options:
Check
Standard delivery in 2-3 business days | Faster Delivery may be available
हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृतीकी सबसे उंची और महत्त्वपूर्ण देन है यज्ञ! घरमें पूजा-पाठ करते समय जलाया हुआ दिया और सामुदायिक स्थल किया जानेवाला यज्ञ, यह दोनों एक दुसरे के अभिन्न अंग है| दोनों का एक ही उद्देश्य है, ‘प्रकाश’ पर कियी हुई एकाग्रता | किंतु घरका दिया केवल एक व्यक्तीको सहाय्यभूत होता है| परंतु यज्ञ एक सामुदायिक साधना है, जिसमें पुरे समाज की उन्नती और कल्याण की प्रार्थना है| आनंद है की अभी पुरे समाज को इस ‘यज्ञरहस्य’ पुस्तिका के माध्यमसे हमारे संस्कृती और विज्ञान की एकता का पता चलेगा! शायद ही अन्य किसी किताबमें इतनी गहराईसे यज्ञ की जानकारी मिल पाये! इस किताब की विशेषता इसीमें है की श्रेष्ठ सत्पुरुषद्वारा यज्ञके तांत्रिक अंग वैज्ञानिक उदाहरणोंद्वारा बहुत ही अच्छी तरह से, आसान भाषामें और नये अंदाजमें समझाये गये है! जिस तरह इसमें कर्म का माहात्म्य है, उसी तरह ज्ञान और भक्ती भी है! यह किताब पढनेवाला और समझकर उसपर गौर करनेवाला कोई भी इन्सान अपने आपमें एक अनोखे बदलाव को अवश्य महसूस करेगा, इसमें हमे कोई आशंका नहीं|