Girija Pant
01 May 2015 05 30 AM
I am left with no words after reading your poem 'Ma'. It moved me so much, I could not reasist burst into tears.
Thanks a lot. Be in touch nd whenver compose anyting on 'ma' please inform me.
Pls visit Almora.
डॉ. सुनील पारित
01 May 2015 05 30 AM
आशीष एक युवा कवि हैं किन्तु कविताओं के जरिये वे अपने विचारों को परिपक्वता से पाठक के सामने रखते हैं. इस काव्य संग्रह में जहाँ एक ओर प्रेम-प्रधान कविताएँ हैं वहीँ दूसरी ओर आतंकवाद, बाल-मजदूरी और भ्रष्टाचार जैसे विषयों को काव्य रूप दिया गया है. तिश्नगी मूलतः गीत-संग्रह हैं. आशीष से भविष्य में काफी उमीदें की जा सकती हैं.
मेरी शुभकामनाएं !
डॉ. सुनील पारित
बेलगाम - १०